Monday, July 13, 2009

सपनो का महल

भीगी पलकों की आहट सी हुई,
जाने हमें चाहत सी हुई,

चंद लफ्जो का आगाज़ सा लगा,
फिर एक सपनो का महल सा सज़ा।

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परिचय

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प्रेम में सिंचित कुछ रचनाएँ मेरी भीगी स्याही से.......

भक्तजन