Saturday, February 22, 2014

मुस्कराहट छीन लेते है जब अपने
नब्ज़ थम सी जाती है लगने....

वक़्त का कोई मोल नहीं लगता,
नींद का आभास भी नहीं मिलता....

याद करना भी अब हो नहीं पता,
क्यूंकि भूल जाना नहीं आता....

एहसास भी क्यूँ लगते है सपनें,
मुस्कराहट छीन लेते है जब अपने।


Friday, February 21, 2014

हाले दस्तूर

खुशनसीब शाम अब साथ नहीं रहती,
जिंदगी की भी अब पहचान नहीं रहती....

बेवजह उसी मोड़ पे छूट गयी है सांसें....
जी लेने की भी उन्हें अब फरमाइश नहीं रहती....

दिल-ऐ-मुक्कद्दर अब ये मंज़ूर नहीं होता,
देखते है हलफनामा कब तक कबूल नहीं होता....

एक मुस्कराहट कैसे जिंदगी बन गयी हमारी,
थे कुछ हालात जो जिंदगी लुटा भी दिये हमारी.... 

वेदना

माँ अक्सर कहती है याददाश्त कमज़ोर हो गयी है,
उन्हें क्या पता याद बर्दाश्त नहीं होती है .... 

आज भी

तुमसे मिलने की चाहत आज भी है.....
तुम्हारी जुल्फों के साये में उम्र बिताने कि चाहत आज भी है …

दीवानो सी वो मेरी हालत आज भी है ....
इश्क़ है बेपनाह तुमसे, पर ज़माने से छुपाने कि आदत आज भी है....

बढ़ चुके हो तुम आगे पर ,मेरी आस आज भी है ….
खवाब तुम्हारे संग देखने कि 'इबादत' आज भी है ....
कुछ बूँदें आ जाती है अक्सर, पर इन आँखों की चमक आज भी है ....

खुशबु वो  दिल में आज भी है....
मिल जाना 'कभी' वक़्त मिल जाए, उस पल में जिंदगी जी लेने कि याद आज भी है ....


कोई बात नहीं

तुम नहीं साथ तो कोई बात नहीं,
रह गयी है कई बात पर कोई बात नहीं,

बदल है गयी लम्हों की रीत पर कोई बात नहीं,
बिछड़ गयी है साँसों की तकदीर पर कोई बात नहीं,

याद न रहे मेरी तस्वीर तो कोई बात नहीं,

निष्प्राण भी हो जाए हम कभी फिर भी कोई बात नहीं.........

परिचय

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प्रेम में सिंचित कुछ रचनाएँ मेरी भीगी स्याही से.......

भक्तजन