कशमकश में है ये साँसे,
बतलाती है कितनी बातें....
कुछ ढूंढती है राहें,
पर मिल जाती है फिर से रातें....
मशक्कत सी है अब मेरे दिल में,
कुछ अंदाज़ है फिर भी गाते.....
अजब गजब सी है ये बातें,
मचल रही है अब मेरी साँसे....
परिचित सा है एहसास ये ख़ास,
जन्मो से है वो मेरे इतने पास....
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Tuesday, August 18, 2009
Saturday, August 1, 2009
एहसास
इक बूँद से ये एहसास है....
कोई कैसे इतने पास है।
मेरी नज्मों का वो साज़ है....
अब हर पल वो मेरे साथ है।
अन्तरंग में एक छवि सी है सजी....
वो बूँद है मेरी आंखों में बसी।
संजोये है मेरी साँसे सजल....
बांधे है मेरी खुशियों के पल।
मासूम से मेरे अल्फाज़ है....
पर अब वो मेरी सरताज है।
इक बूँद से ये एहसास है....
कोई कैसे इतने पास है।
कोई कैसे इतने पास है।
मेरी नज्मों का वो साज़ है....
अब हर पल वो मेरे साथ है।
अन्तरंग में एक छवि सी है सजी....
वो बूँद है मेरी आंखों में बसी।
संजोये है मेरी साँसे सजल....
बांधे है मेरी खुशियों के पल।
मासूम से मेरे अल्फाज़ है....
पर अब वो मेरी सरताज है।
इक बूँद से ये एहसास है....
कोई कैसे इतने पास है।
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