Saturday, August 1, 2009

एहसास

इक बूँद से ये एहसास है....
कोई कैसे इतने पास है।
मेरी नज्मों का वो साज़ है....
अब हर पल वो मेरे साथ है।

अन्तरंग में एक छवि सी है सजी....
वो बूँद है मेरी आंखों में बसी।
संजोये है मेरी साँसे सजल....
बांधे है मेरी खुशियों के पल।

मासूम से मेरे अल्फाज़ है....
पर अब वो मेरी सरताज है।
इक बूँद से ये एहसास है....
कोई कैसे इतने पास है

4 comments:

  1. खूबसूरत अहसासात...
    शुभकामनाएं.....

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  2. bahut khoobsoorat aur nazuk ehsaas ko lafz de diye aapne..............

    aapko badhaai !

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  3. इक बूँद से ये एहसास है....
    कोई कैसे इतने पास है।

    Vaah..........khoobsoorat ehsaas hai aapki rachna mein..... lajawaab

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परिचय

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प्रेम में सिंचित कुछ रचनाएँ मेरी भीगी स्याही से.......

भक्तजन