कुछ तो छुआ मुझे कल रात में,
सिरहन सी हुई उस जवाब से…
निर्मल पवित्र उस प्यार से…
सोचा न था,
ऐसा भी फिर कभी होगा,
मेरे हाथों में फिर कोई साथ होगा…
रंगीन सी लगने लगी जिंदगी फिर से आज...
न जाने क्यों ये आगाज़ हुआ...
चंद ही दिनों में अनजान से जान हुआ...
मिल गयी है नयी सांसें इस प्राण में...
बहुत कुछ बदल गया कल रात में...
सिरहन सी हुई उस जवाब से…
निर्मल पवित्र उस प्यार से…
सोचा न था,
ऐसा भी फिर कभी होगा,
मेरे हाथों में फिर कोई साथ होगा…
रंगीन सी लगने लगी जिंदगी फिर से आज...
न जाने क्यों ये आगाज़ हुआ...
चंद ही दिनों में अनजान से जान हुआ...
मिल गयी है नयी सांसें इस प्राण में...
बहुत कुछ बदल गया कल रात में...
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