प्यार के भंवर गहरे से हैं,
नित नए रंग छलके से हैं,
ज़र्रे ज़र्रे में मै दीवाना सही.....
मगर तुम मिलो तो कही.....
अंदाज़ ये हैरान से है,
शबनम से तुम पे बह से गए है.....
अपनों में मै बैगाना सही,
मगर तुम मिलो तो सही.....
फूलों की सरगम पे है,
सपनो की मंजिल सी है....
खूबसूरत साथ आशिकाना सही,
अगर तुम मिलो तो सही.....
बहुत बढ़िया!!
ReplyDelete-
हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!
लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.
अनेक शुभकामनाएँ.
bahut behtareen nazm
ReplyDelete