Monday, September 14, 2009

खामोशी

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इस खामोशी का कोई जवाब नहीं,
अंदाजे खुशी है तो कोई बात नहीं....

नब्जों में है अब तस्वीर वही,
उस तस्वीर किनारे मै फ़कीर सही....

लहराई जुल्फों की है कोई आस नहीं,
बस कुछ लम्हों की ये बात नही.....

अब लम्हों के है कोई पल ही नही,
पल पल के लम्हों की है बात नयीं.....

हो जाए अगर तो ये ख्यालात नहीं,
प्रेम है ये कोई सौगात नहीं.....


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परिचय

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प्रेम में सिंचित कुछ रचनाएँ मेरी भीगी स्याही से.......

भक्तजन